वयं राष्ट्र जाग्रायामः पुरोहिताः
नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को विकसित करना।
1. विद्यालय में किए जाने वाले कार्य
सत्रारंभ पर ज्ञान दीक्षा/विद्यारंभ संस्कार मनाना।
राष्ट्र-निर्माण में प्रमुख भूमिका शिक्षकों की है।
विद्यालयों में संस्थाप्रधान, शिक्षकों एवं छात्रों से सम्पर्क कर ‘संस्कृति मण्डल’ का गठन करें।
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संस्कृति मण्डल का गठन करें
परीक्षा के समय को छोडक़र शेष अवधि में ऐसे क्रियाकलापों की योजना बनावें जो विद्यालय में किए जा सकते हैं।
1. संस्कृति मण्डल का form
7.00 से 8.00 प्रात: पंजीयन
1. आराम नहीं काम कीजिये
9. वेश-भूषा शालीन रखें
1. स्वास्थ्य
विद्यार्थी जीवन के महत्त्वपूर्ण सूत्र
1.आत्मसमीक्षा
समर्थ जीवन के चार स्तंभ -
जीवन निर्माण के चार सूत्र-
‘‘अध्यापक हैं युग निर्माता-छात्र राष्ट्र के भाग्यविधाता’’।
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